
रिश्वत ली 13 लोगों ने राशन कार्ड, विधवा पेंशन के लिए, सबको हो गया एड्स, ये घटना इस बात को साबित करने के लिए काफी है कि भ्रष्टाचार की जड़ें समाज को किस तरह खोखला कर रही हैं। इतना ही नहीं यह लालच और संवेदनहीनता की पराकाष्ठा को बयां करती हैं। दरअसल हुआ ये कि गोरखपुर के भटहट ब्लाक में एक विधवा महिला को मुट्ठी भर अनाज के लिए रिश्वत के तौर पर 13 लोगों के साथ सोना पड़ा। अंजाम ये हुआ कि वो सभी 13 लोग एड्स के शिकार हो गए हैं। विधवा पेंशन और राशन कार्ड बनाने के नाम पर महिला के साथ शोषण का खेल 3 साल तक चला। खुलासा तब हुआ जब महिला की तबीयत खराब हुई और उसने अपना ब्लड चेक करवाया।
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दैनिक अखबार हिंदुस्तान में छपी खबर के मुताबिक महिला 24 साल की उम्र में शादी कर भटहट गांव आई थी। उसका पति मुंबई के किसी कारखाने में काम करता था। शादी के 3 साल बाद ही उसकी मौत हो गई। वो अकसर बीमार रहता था। कहा जाता है कि उसे एड्स हो गया था और उसी के संपर्क में आने से महिला भी संक्रमित हो गई थी। पति की मौत के बाद उसकी मदद करने वाला कोई नहीं था। उसने सोचा कि राशन कार्ड बनवा ले तो पेट पल जाए और विधवा पेंशन आने लगे तो बाकी जरूरतें पूरी हो सकें। बस इसी के लिए वो सबसे पहले रोजगार सेवक के पास गई। रोजगार सेवक उसे प्रधान के पास ले गया। प्रधान ने उसे सेक्रेटरी से मिलवाया। इन तीनों के अलावा 10 बिचौलिए भी मिले और सबने काम करा देने के नाम पर रिश्वत मांगा। रिश्वत में महिला को साथ सोने के लिए कहा गया।
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महिला को था एड्स, जिसने-जिसने रिश्वत मांगी उसे भी हो गया। ‘रिश्वत’ लेने का यह खेल 3 साल तक चलता रहा। 13 लोगों ने कई बार महिला का शोषण किया। फिर करीब तीन महीने पहले वो औरत बीमार हो गई। उसने प्रधान को बताया तो उसने गांव के ही नीम-हकीम को दिखाया। जब कुछ फायदा नहीं हुआ तो वो एक डॉक्टर के पास पहुंची जहां ब्लड चेक कराया। रिपोर्ट आई तो प्रधान के होश उड़ गए। महिला को एड्स था। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में दोबारा जांच करवाई गई। वहां भी जांच का नतीजा वो ही आया। फिर इन सब ‘रिश्वत’ लेने वालों ने एक-एक करके अपनी जांच करवाई। उन सबको भी एड्स था।
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एड्स की पुष्टि के बाद सभी बीआरडी मेडिकल कालेज में एन्टी रेटरोवायरल ट्रीटमेंट सेंटर से इलाज करा रहे हैं। राशन कार्ड और विधवा पेंशन के लिए इतनी बड़ी कीमत यह घटना गांव में पनप रहे भ्रष्टाचार को तो दर्शाती है साथ ही इस बात का भी उदाहरण है कि आज के समय में मानवता तो जैसे कहीं खो गई है। अगर ये बीमारी बीच में न आई होती, तो शायद इस मामले का खुलासा भी नहीं होता। कोई कभी नहीं जान पाता कि एक अकेली औरत को राशन कार्ड और विधवा पेंशन जैसी जरूरी सरकारी मदद पाने के लिए कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है। हर महीने मिलने वाले कुछ किलो अनाज के लिए 13 लोगों के साथ सोना पड़ता है। एक विधवा का राशन कार्ड और पेंशन के काजग बनवाने के बहाने उसका यौन शोषण करने वाले सभी लोग एड्स का शिकार हो गए। इसकी जानकारी के बाद आसपास के सभी लोग सकते में हैं। यह घटना गांव में पनप रहे भ्रष्टाचार को तो दर्शाती है साथ ही इस बात का भी उदाहरण है कि आज के समय में मानवता तो जैसे कहीं खो गई है।