
तसलीमा नसरीन ने किया ट्वीट, रेप से बेहतर है बस में मर्दों का हस्तमैथुन करना! दिल्ली में बस में हस्तमैथुन वाले मामले पर जानी-मानी लेखक तसलीमा नसरीन ने लिखा कि इसे बहुत बड़ा अपराध नहीं माना जाना चाहिए। तसलीमा के इस ट्वीट से ज्यादातर लोग सहमत नहीं दिखे। सोमवार को किए गए ट्वीट में तसलीमा ने लिखा, ‘दिल्ली में भीड़ से भरी बस में एक शख्स हस्तमैथुन कर रहा था। रेप कल्चर में इसे बहुत बड़ा अपराध नहीं माना जाना चाहिए। पुरुषों को चाहिए कि वे रेप या मर्डर करने की जगह हस्तमैथुन ही कर लें। क्या सार्वजनिक स्थल पर हस्तमैथुन करना अपराध है? असल में यह ऐसा अपराध है जिसमें कोई पीड़ित नहीं होता।’
A man in a crowded Delhi bus masturbated. It should not be considered a big crime in the era of rape culture. Men should rather masturbate, than rape and murder. Is masturbating in public a crime? Well it is a victim-less crime.
— taslima nasreen (@taslimanasreen) February 12, 2018
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क्या है मामला
दिल्ली में चलती बस में एक शख्स डीयू स्टूडेंट के बगल में बैठकर हस्तमैथुन कर रहा था। उस लड़की ने बिना डरे विडियो बनाया और पुलिस तक गई। स्टूडेंट ने बताया, ‘मैं सन्न रह गई, वह बार-बार मुझे छू भी रहा था…, मैंने जब लोगों को बताया तो उन्होंने इग्नोर किया, कोई मदद के लिए आगे नहीं आया।’ ‘मैंने उस आदमी पर चिल्लाकर भी बोला मगर वह मेरी बातों को अनसुना कर रहा था।’
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तस्लीमा नसरीन के ट्वीट पर एक ने लिखा, ‘हम मॉर्डन हो रहे हैं इसका मतलब यह नहीं कि बेशर्म हो जाएं। हस्तमैथुन, शारीरिक संबंध या शौच सार्वजनिक स्थल पर ठीक नहीं।’ बाकी कई लोगों ने भी इससे मिलते-जुलते ट्वीट किए। एक अन्य यूजर ने बताया कि यह क्राइम है क्योंकि ऐसी हरकत को अनजाने में देख लेने वाला लंबे वक्त तक सदमे में रहता है। उन्होंने अपनी एक रिश्तेदार का उदाहरण देते हुए यह बात कही।
Bus not safe for women,train not safe, streets not safe,crowded place not safe, deserted place not.Night not safe for women,day also not safe. School not safe. office not. Even home not safe. Because of men. Men have to give up misogyny to let half of human species live safely.
— taslima nasreen (@taslimanasreen) February 13, 2018
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इसके बाद तसलीमा ने मंगलवार को एक और ट्वीट किया। इसमें लिखा था, ‘बस, ट्रेन, गली, भीड़भाड़ वाली जगह, सुनसान जगह, रात, दिन, स्कूल, ऑफिस यहां तक की घर भी महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है। इस सबका कारण पुरुष हैं, उन्हें स्त्री जाति से अपनी नफरत कम करनी चाहिए ताकी आधी आबादी आराम से रह सके।’ फिलहाल यह साफ नहीं है कि पहले ट्वीट में तसलीमा ने अपने विचार लिखे या वह किसी तरह का व्यंग कर रही थीं।