
कपड़े नहीं होते रेप के ज़िम्मेदार, बेल्जियम में रेप पीड़िताओं के कपड़ों की प्रदर्शनी, रेप जैसे हादसों पर हमेशा एक सवाल उठाया जाता रहा है कि आखिर उस वक्त पीड़िता ने कैसे कपड़े पहने थे। कई बार पीड़िता के कपड़ों को ही ऐसे हादसों का जिम्मेदार माना लिया जाता है। समाज की इसी सोच को बदलने के लिए बेल्जियम की राजधानी ब्रसल्ज में एक ऐसी प्रदर्शनी लगाई गई है जिसे देखकर शायद लोग अपनी इस सोच में थोड़ा परिवर्तन ला सके। महिलाओं के बलात्कार या यौन हिंसा के पीछे कई बार उनके ‘भड़काऊ’ कपड़ों को वजह बता दिया जाता है। इस धारणा को तोड़ने के लिए बेल्जियम में एक अनोखी प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। यहां वे कपड़े प्रदर्शित किए गए जो बलात्कार के वक़्त पीड़िताओं ने पहन रखे थे।
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ब्रसेल्स के मोलेनबीक ज़िले में लगाई गई इस प्रदर्शनी को ‘इज़ इट माय फॉल्ट?’ यानी ‘क्या ये मेरी गलती थी?’ नाम दिया गया है। इन कपड़ों में कई ट्रैकसूट बॉटम, पजामे और ड्रेस शामिल थीं, जो पीड़िताओं ने आयोजकों को दी थीं। इस प्रदर्शनी का आयोजन पीड़ित सहायता समूह सीएडब्ल्यू ईस्ट ब्राबेंट की ओर से किया गया था। सीएडब्ल्यू की लिसवेथ केन्स ने कहा, “इस प्रदर्शनी में घूमकर आप पाएंगे कि वे कपड़े बहुत ही साधारण थे। वे ऐसे कपड़े थे जो कि कोई भी पहनता है।””प्रदर्शनी में एक बच्चे की शर्ट भी है जिस पर लिखा है “माय लिटिल पोनी”। ये एक कड़वी सच्चाई को बयां करता है।”
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अकसर देखा जाता है कि यौन उत्पीड़न के मामलों में पीड़िताओं पर ही आरोप लगा दिए जाते हैं। कह दिया जाता है कि अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न के लिए वो खुद भी ज़िम्मेदार हैं। दो साल पहले एक वेबसाइट से बातचीत में लिसवेथ केन्स ने कहा था कि बेल्जियम में होने वाले बलात्कारों के केवल 10 फीसदी मामले ही पुलिस में रिपोर्ट किए जाते हैं और 10 में से एक में ही आरोपी को सज़ा होती है।वो कहती हैं कि हमारा समाज ही पीड़िताओं को अपने साथ हुए ग़लत बर्ताव को बताने से रोकता है। केन्स कहती हैं, “पीड़िताओं पर ही उत्तेजक कपड़े पहनने, फ्लर्ट करने या देर रात घर आने का आरोप लगा दिया जाता है, जबकि उस अपराध का ज़िम्मेदार सिर्फ वो अपराधी होता है।”